किसी को पाकर खोना क्या होता है
किसी का होकर न होना क्या होता है
हंस-हंसकर रोना क्या होता है...
ये तुमको भी पता होगा
जी-जीकर मरना क्या होता है
न चाहकर कुछ करना क्या होता है
दर्द रह-रहकर उभरना क्या होता है
ये तुमको भी पता होगा
अपने हाथों कोई आग नहीं लगाता
पर आग में जलना क्या होता है
गिर-गिरकर सम्भलना क्या होता है
ये तुमको भी पता होगा
ज़िंदगी फूलों की नहीं भाती किसको
काँटों से गुज़रना क्या होता है
हमें दिलासा देने वालों
दिल पर पत्थर रखना क्या होता है
ये तुमको भी पता होगा
... पर मेरे कहने से क्या होगा
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