मेरे जीवन ग्रंथ, मेरे कर्मयोगी पिता
आपके लिए आज का एक दिन तो क्या
जीवन भर जश्न मनाऊं तो कम है
कि आपके रूप में ईश्वर का हाथ मेरे सिर पर है
आप वेदों की पवित्रता हो मेरे लिए
जिसमें सजी हैं मेरे पुरखों की परिचय ऋचाएं
आपकी आंखों में साक्षात वह ब्रह्म है
जो पीड़ाओं का पहाड़ ढोकर भी उफ नहीं करता
आप मेरे साथ हैं तो तीनों लोक, चौहदों भुवन मेरे हैं
आप हंसते हैं तो जीवन में मुस्कुराहट बिखर जाती है
आपकी मौजूदगी है तो सुंदर हेमंत और बसंत क्या
चारों दिशाएं, आठो ऋतुएं मेरी बाहों में होती हैं
आप नाराज हो जाएं तो ऐसा लगता है
जीवन के आकाश पर बिजली कड़क उठी हो
अस्तित्व की बुनियाद कमजोर लगने लगती है
आपके टूटने से मेरी उम्मीदें जैसे परास्त होने लगती हैं
आपकी उंगली उस सहारे की तरह है पापा
जिसके दम पर मेरा जीवन सार्थक होता है
सचमुच पिता जीवन के हर लम्हे में शामिल हैं आप
और मां तुम उस हर लम्हे की सुंदर साक्षी हो।
दिल को छू गयी रचना। लग रहा है जैसे मेरे मन की ही बात कह दी।
ReplyDeleteसादर
Deleteसादर आभार आपका।
पिता को देव तुल्य स्थान दिया जीवन में
ReplyDeleteस्वर्गिक रसपान किया जीवन में .......... स्मिता अच्छी रचना ....बधाई
Deleteसादर आभार।
हृदयस्पर्शी..... बहुत अच्छी कविता है
ReplyDeleteसादर आभार आपका।
Deleteजज्बातों को क्या खूब लफ्जों में पिरोया है
ReplyDeleteधन्यवाद् अनुषा।
DeleteHappy Father's Day :)
ReplyDeletethanks and same to u
Deleteसचमुच पिता जीवन के हर लम्हे में शामिल हैं आप
ReplyDeleteऔर मां तुम उस हर लम्हे की सुंदर साक्षी हो।
...बहुत खूबसूरत भाव लिए प्यारी रचना सुन्दर शब्द बांध ..हमारे जीवन में पिता की अहम भूमिका होती है ..
पिता श्री को नमन
saadar dhanyawad apka...
Deleteपिता को समर्पित भावपूर्ण कविता. पितृ दिवस पर इससे अच्छी भेंट और क्या हो सकती है. पिता का त्याग और प्यार, माँ की तरह ही महत्वपूर्ण होता है.
ReplyDeleteआपका आभार।
Deleteसुंदर संवेदनापूर्ण.
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत सार्थक और भावपूर्ण अभिव्यक्ति...शुभकामनायें!
ReplyDeleteसादर आभार आपका।
Deleteदिल को छूती हुयी रचना ... पिता के प्रति आपके उदगार मन में उतर जाते हैं ...
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी...स्मिता जी . कविता में रचे ये शब्द काश हम जान मानस अपने जेहन में भर लें तो आनंद और आये
ReplyDeleteप्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच में आप आईं ख़ुशी हुयी
भ्रमर ५
सादर आभार आपका।
Deleteमाँ-बाप की असली दौलत बच्चे ही होते हैं.
ReplyDeleteपिता को समर्पित बहुत प्यारी दिल से लिखी रचना बहुत अच्छी लगी
सच कहा आपने । माता पिता की असली दौलत बच्चे ही हैं। और बच्चे के लिए बगी अनमोल है माँ बाप। ईश्वर उनहे लम्बी उम्र दे।
Deleteआभार आपका
सच है! बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteआभार
Delete